हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,हमास प्रतिरोध आंदोलन ने एक बयान जारी कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मांग की कि वह इज़रायली शासन पर दबाव डाले ताकि ग़ाज़ा में संघर्ष विराम समझौते के दूसरे चरण की वार्ता तुरंत शुरू की जा सके।
हमास ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि फिलिस्तीनी जनता अरब जगत के समर्थन से जबरन विस्थापन, ग़ाज़ा पर क़ब्ज़े और ज़ायोनी बस्तियों के निर्माण को रोकने में सक्षम है। बयान में यह भी कहा गया कि इज़रायल की नीतियां ग़ाज़ा में जनसंख्या संतुलन को बदलने और वहां के निवासियों को जबरन बेदखल करने की साजिश का हिस्सा हैं, जिसे किसी भी हाल में सफल नहीं होने दिया जाएगा।
हमास ने अरब देशों के हालिया शिखर सम्मेलन में स्वीकृत मिस्र की ग़ाज़ा पुनर्निर्माण योजना का स्वागत किया और सभी पक्षों से इसके सफल कार्यान्वयन के लिए आवश्यक संसाधन और समर्थन उपलब्ध कराने की अपील की है इस योजना का उद्देश्य ग़ाज़ा में युद्ध से प्रभावित बुनियादी ढांचे को फिर से खड़ा करना और विस्थापित लोगों को पुनः बसाना है।
हमास ने अपने बयान में अरब नेताओं से यह भी अनुरोध किया कि वे ग़ाज़ा में संघर्ष-विराम समझौते के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने, फिलिस्तीनी जनता को राजनीतिक समर्थन प्रदान करने और ज़ायोनी शासन पर दबाव बनाने के लिए संयुक्त प्रयास करें ताकि वह समझौते में किसी भी प्रकार का बदलाव न कर सके।
संघर्ष विराम वार्ता को आगे बढ़ाने की मांग हमास ने इज़रायली शासन पर दबाव डालने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इज़रायल को संघर्ष-विराम समझौते की शर्तों को पूरी तरह लागू करने और अपने दायित्वों को निभाने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए।
संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष-विराम वार्ता के दूसरे चरण को शीघ्र शुरू किया जाए और फिलिस्तीनी जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए।
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